भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग में मनाया जाता है। लेकिन इस बार अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का संयोग नहीं हो पा रहा है। अष्टमी तिथि 18 अगस्त को शाम के 09 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रही है जो 19 अगस्त की रात 10 बजकर 59 मिनट पर खत्म हो जाएगी।
दरअसल इस बार भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 18 अगस्त को सुबह के बजाय रात में करीब 9 बजकर 30 मिनट पर शुरू हो रही है। फिर 19 अगस्त को सूर्योदय से रात तक रहेगी। ऐसे में अष्टमी की उदया तिथि 19 अगस्त को मानी जाएगी।
– विष्णु और ब्रह्म पुराण- इस पुराण के अनुसार भगवान विष्णु देवी लक्ष्मी से कहते हैं कि भादों माह में जब बारिश जोरो पर होती है तब भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को मैं जन्म लूंगा।
– भविष्य पुराण- भगवान स्वंय कहते हैं कि जब सूर्य सिंह राशि में और चंद्रमा वृष राशि में विराजमान होंगे तब भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की रात को रोहिणी नक्षत्र में मै जन्म लूंगा।
– देवीभागवत पुराण- देवीभागवत पुराण श्रीकृष्ण जन्म के बारे में कहता है वृष लग्न, रोहिणी नक्षत्र, भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि पर देवकी के गर्भ से जन्म होगा।